प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिवसीय रूस और ऑस्ट्रिया यात्रा अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और वैश्विक संबंधों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण रही। इस दौरे का उद्देश्य आर्थिक, सांस्कृतिक और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करना था।
रूस यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा का मुख्य आकर्षण रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता थी। इस वार्ता में दोनों देशों ने ऊर्जा, रक्षा, और अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। विशेष रूप से, दोनों देशों ने ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण समझौते किए, जिससे भारत को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में वृद्धि होगी।
रूस और भारत के बीच रक्षा क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण समझौते हुए। भारतीय रक्षा बलों के लिए अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों की आपूर्ति को लेकर वार्ता हुई। इसके अलावा, अंतरिक्ष कार्यक्रम में सहयोग के नए रास्ते भी खोले गए, जिससे दोनों देशों के वैज्ञानिक अनुसंधान में वृद्धि होगी।
ऑस्ट्रीया यात्रा
ऑस्ट्रिया में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का प्रमुख फोकस व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना था। ऑस्ट्रिया के चांसलर के साथ बैठक में दोनों देशों ने व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। विशेष रूप से, भारतीय आईटी और ऑस्ट्रियाई औद्योगिक क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पहल की गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रिया में भारतीय समुदाय से भी मुलाकात की। उन्होंने भारतीय प्रवासियों के योगदान की सराहना की और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस और ऑस्ट्रिया की तीन दिवसीय यात्रा ने दोनों देशों के साथ भारत के संबंधों को नई दिशा और मजबूती दी है। यह दौरा न केवल आर्थिक और रक्षा संबंधों को मजबूत करने में सफल रहा, बल्कि सांस्कृतिक और जन-जन के बीच संबंधों को भी गहरा किया है। इस यात्रा से वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति और मजबूत होगी और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में नए अध्याय जुड़ेंगे।