HEARING IN SUPREME COURT
20 जुलाई को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने NEET (UG) – 2024 परीक्षा का केंद्रवार परिणाम जारी किया। इस परिणाम का विश्लेषण अब राज्य, शहर और परीक्षा केंद्र के अनुसार किया जा रहा है। इसमें राजस्थान के सीकर ने सबसे ज्यादा उम्मीदवारों के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
LAWYER’S ARGUMENT IN SUPREME COURT
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही है। यह चौथी सुनवाई है और उम्मीद है कि आज फिर से परीक्षा कराने पर कोई महत्वपूर्ण फैसला आ सकता है।
Reality of Paper leak
सुनवाई के दौरान NTA ने स्वीकार किया कि 3300 से अधिक छात्रों को गलत पेपर दिया गया था। उन्हें SBI पेपर की जगह Canara Bank का पेपर मिला था।
याचिकाकर्ताओं के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हूडा, संजय हेगड़े और मैथ्यूज नेडुमपारा ने इस मामले में अपने तर्क पेश किए। NTA और केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया।
Question on FAIRNESS of EXAMINATION
याचिकाकर्ताओं की ओर से तान्वी सरवाल के 2015 के निर्णय का हवाला दिया गया, जिसमें 44 छात्रों द्वारा अनुचित साधनों के उपयोग के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी। हेगड़े ने कहा कि यह पेपर लीक एक संगठित गिरोह का काम है और यह एक बड़ा उद्योग है।
हेगड़े ने कहा, “हम छात्रों को यह नहीं बता सकते कि परीक्षा निष्पक्ष थी। अगर ये परिणाम सही हैं, तो जो पोस्ट-डेटेड चेक हैं, वे अभी भी नकद किए जा सकते हैं। किसी ने 720 अंक प्राप्त किए और पुन: परीक्षा में 640 अंक प्राप्त किए।”
DEMAND for RE-EXAM
हेगड़े ने सभी कट-ऑफ से ऊपर अंक प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए पुन: परीक्षा की मांग की। नेडुमपारा ने सुझाव दिया कि इसे प्रारंभिक परीक्षा मानकर मुख्य परीक्षा कराई जाए।
SUPREME COURT COMMENTS
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “हमारे पास अभी तक कोई सबूत नहीं है कि पेपर लीक कितना व्यापक था और यह पूरे देश में कैसे फैला। अगर पेपर लीक 4 मई की रात को हुआ था, तो जाहिर है कि लीक परिवहन के दौरान नहीं बल्कि मजबूत रूम वॉल्ट से पहले हुआ था।”
NEED FOR QUICK DECISION
हेगड़े ने कहा, “अगर पाठ्यक्रम आसान होता, तो सभी ने अच्छे अंक प्राप्त किए होते। 650 से ऊपर अंक प्राप्त करने वाले 50,000 से अधिक उम्मीदवार हैं। यह एक रेड फ्लैग है। जब आपको कैंसर का संदेह होता है और टेस्ट कुछ नहीं दिखाते, तो सबसे अच्छा उपाय है कि कीमोथेरेपी कराई जाए। आप कैंसर सेल्स के बढ़ने का जोखिम नहीं उठा सकते।”
EXPECTATION PARENTS AND STUDENTS
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट आज पुन: परीक्षा के फैसले पर विचार कर सकती है। छात्रों और उनके अभिभावकों की उम्मीदें इस फैसले पर टिकी हुई हैं, क्योंकि यह उनके भविष्य को प्रभावित कर सकता है।
CONCLUSION
यह मामला न केवल छात्रों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि परीक्षा प्रणाली निष्पक्ष और पारदर्शी हो। सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस मामले में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और सभी संबंधित पक्षों की उम्मीदें इसी पर टिकी हुई हैं। छात्रों को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा और एक निष्पक्ष पुन: परीक्षा की जाएगी।