13 जुलाई, 2024 को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर, इंग्लैंड के महान तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का अंतिम दिन खेला। इस दिन की शुरुआत सम्मान की गार्ड से हुई, जब एंडरसन को उनके इंग्लैंड टीम-मेट्स और वेस्ट इंडीज की टीम ने पिच पर आमंत्रित किया। कप्तान क्रैग ब्रैथवेट ने एंडरसन से हाथ मिलाया, जो इस महान क्रिकेटर के लिए एक यादगार क्षण था।
सुबह का जादू
नर्सरी एंड से गेंदबाजी करते हुए, जो उनका पसंदीदा एंड नहीं था, एंडरसन ने अपनी सातवीं गेंद पर एक क्लासिक आउटस्विंगर के साथ जोशुआ डा सिल्वा को आउट किया। यह एक विशिष्ट एंडरसन स्टाइल का आउट था, जिसमें गेंद अंदर की तरफ कोण बनाकर फिर अचानक बाहर की ओर स्विंग हो गई और बल्ले का बाहरी किनारा ले लिया।
गस एटकिंसन की उपलब्धि
पवेलियन एंड से गस एटकिंसन भी अपने पहले टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने अल्जारी जोसेफ को आउट करके अपने दस विकेट पूरे किए और फिर शामर जोसेफ का ऑफ स्टंप उड़ा दिया, जिससे उन्हें दूसरी पारी में चार विकेट मिले। एटकिंसन अपने पांचवें विकेट की तलाश में थे, लेकिन वेस्ट इंडीज की टीम नौ विकेट खो चुकी थी।
अंतिम गेंद का रोमांच
एंडरसन के पास अपने करियर की अंतिम गेंद पर विकेट लेने का सुनहरा मौका था। जब गुडाकेश मोटी ने गेंद को उनके पास खेला, तो यह लगा कि एंडरसन एक शानदार अंत कर देंगे। लेकिन गेंद उनके हाथ से फिसल गई, जिससे एंडरसन ने अपना चेहरा ढक लिया और एक मुस्कान के साथ इस पल का आनंद लिया।
मैच का समापन
एटकिंसन ने इंग्लैंड की पारी की जीत को सुनिश्चित किया जब उन्होंने जेडन सील्स को डीप में कैच करवा दिया। इस जीत के साथ, एटकिंसन ने अपने डेब्यू मैच में 12 विकेट हासिल किए और दूसरी पारी में पांच विकेट लेने का कारनामा किया। लेकिन यह एंडरसन थे जिन्हें मैदान से बाहर ले जाया गया और लॉर्ड्स के दर्शकों ने खड़े होकर उनका सम्मान किया, उसी मैदान पर जहां उन्होंने 2003 में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला था।
एंडरसन की करियर की झलक
एंडरसन के करियर की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। 2003 में लॉर्ड्स पर जिम्बाब्वे के खिलाफ डेब्यू करते हुए, एंडरसन ने अपनी पहली पारी में 5 विकेट लिए थे। उसके बाद, उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपने 21 साल के करियर में, उन्होंने 700 से अधिक टेस्ट विकेट लिए, जो उन्हें दुनिया के सबसे महान तेज गेंदबाजों में शुमार करता है। उनकी स्विंग गेंदबाजी और सटीकता ने उन्हें विपक्षी बल्लेबाजों के लिए एक बुरा सपना बना दिया।
प्रमुख उपलब्धियाँ
700+ टेस्ट विकेट: एंडरसन ने अपने करियर में 700 से अधिक विकेट लिए, जो उन्हें टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफल तेज गेंदबाज बनाता है।
बैक-टू-बैक एशेज जीत: उन्होंने एशेज सीरीज में इंग्लैंड को कई बार जीत दिलाई, जिसमें 2010-11 की ऑस्ट्रेलिया में जीत खास है।
स्विंग के बादशाह: एंडरसन की आउटस्विंगर और इनस्विंगर गेंदबाजी की कला ने उन्हें 'स्विंग के बादशाह' का खिताब दिलाया।
मैन ऑफ द मैच और सीरीज: कई मौकों पर एंडरसन को उनकी शानदार गेंदबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज के पुरस्कार मिले।
एंडरसन की विदाई
मैच के बाद, एंडरसन को इंग्लैंड की ड्रेसिंग रूम में नासिर हुसैन ने इंटरव्यू लिया, जहां उन्होंने एक गिनीज का आनंद लिया। उसके बाद उन्होंने खुद को संयमित किया और पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन में भाग लिया। एमसीसी अध्यक्ष मार्क निकोलस ने उन्हें मानद जीवन सदस्यता प्रदान की, और फिर ईसीबी के अध्यक्ष रिचर्ड थॉम्पसन ने भी उन्हें एक विशेष सम्मान दिया।
एंडरसन ने स्काई स्पोर्ट्स पर एक और इंटरव्यू पूरा किया और फिर उन्हें अपने करियर के इस भावनात्मक दिन का आनंद लेने का मौका मिला।
जेम्स एंडरसन का करियर एक प्रेरणादायक गाथा है, जिसने लाखों क्रिकेट प्रेमियों को प्रेरित किया है। उनका अंतिम दिन एक यादगार और भावनात्मक यात्रा का समापन था, जो हमेशा क्रिकेट इतिहास में याद किया जाएगा।